नई दिल्ली 5 अप्रेल : ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार टीचर भर्ती रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने आदेश दिया कि नए सिरे से चयन प्रक्रिया 3 महीने के अंदर पूरी की जानी चाहिए। अपनी आजीविका के संकट से जूझ रहे हजारों शिक्षकों को यह सोचना पड़ रहा है कि वे कर्ज कैसे चुकाएं, बिल कैसे चुकाएं। क्या है पूरा मामला?नकदी के बदले स्कूल में नौकरी दिलाने का यह घोटाला 2016 की भर्ती प्रक्रिया के दौरान राज्य भर के प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में कथित रूप से की गई अवैध भर्तियों से संबंधित है। साल 2016 में 25 हजार से ज्यादा वैकेंसी के लिए 23 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स परीक्षा में शामिल हुए थे। कलकत्ता हाईकोर्ट में आरोप लगाया गया था कि ज्यादातर कैंडिडेट्स को ओएमआर शीट का गलत मूल्यांकन करने के बाद नौकरी दी गई थी। अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट ने राज्य-सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,000 कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी। हाईकोर्ट ने पाया कि 23 लाख आंसर सीट में से किसका मूल्यांकन किया गया था, इस पर कोई स्पष्टता नहीं थी और इसलिए सभी आंसर सीट को फिर से रिवैल्यूएशन का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने सीबीआई को भर्ती घोटाले की जांच जारी रखने का भी आदेश दिया I
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की नियुक्त प्रक्रिया रद्द की, हमारी तो पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई’, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खोने वाले बोले …
