RBI ने देश के सबसे सेफ बैंकों को लिस्ट की जारी, इनमें कभी नहीं डूबेगा ग्राहकों का पैसा …. सुरक्षा के लिहाज से पैसों को बैंकों में जमा किया जाता है। बैंक में जमा पैसे को सुरक्षित समझकर इंसान चैन की नींद सोता है। कई बार बैंक डूबने की सूचनाएं भी सुनने में आती हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि सबसे सेफ बैंक कौन सा है, ताकि पैसा डूबने का डर ही न रहे। बता दें कि आरबीआई ने देश के सबसे सेफ बैंकों की लिस्ट जारी की है। इन बैंकों में जमा पैसा कभी नहीं डूब सकता। आइये जानते हैं इन बैंकों के नाम ।

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7अप्रेल : जनता के पैसों की हिफाजत 2 जमा करते हैं और उसे सुरक्षित भी समझते हैं, लेकिन कब बैंक पर आर्थिक संकट आ जाए और यह डूब जाए, इस बात को भी स्वीकार करना पड़ता है। बैंक डूबने के बाद ग्राहकों का काफी सारा पैसा इसके साथ ही डूब जाता है। अगर आप अपने पैसे को पूरी तरह से सेफ रखना चाहते हैं तो आरबीआई ने तीन सबसे सुरक्षित बैंक बताए हैं। ये बैंक पैसों की सुरक्षा के मामले में सबसे भरोसेमंद कहे जा सकते हैं। इस सूची में खबर में बताए गए बैंकों का नाम शामिल किया गया है। RBI ने कुछ दिन पहले सुरक्षित बैंकों के नाम डोमेस्टिक सिस्‍टमिकली इम्‍पॉर्टेंट बैंक नामक सूची में शामिल किए हैं। इसे जारी करते हुए आरबीआई ने इन बैंकों को देश के सबसे सुरक्षित बैंक माना है। इनमें देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI, प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और प्राइवेट क्षेत्र का ही आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) शामिल हैं।
नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2025 से आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके अलावा एसबीआई और एचडीएफसी बैंक (HDFC bank) का स्तर पहले से बढ़ा है। ये दोनों बैंक हाई बकेट की कैटेगरी में शामिल हो गए हैं। बड़े बैंकों को एडीशनल कॉमन इक्विटी टियर-1 (CET1) को मेंटेन करना जरूरी होता है। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State bank of india) को रिस्क-वेटेड एसेट्स बनाकर रखनी होगी जो अतिरिक्त 0.80 फीसदी CET1 के रूप में जरूरी है। इसी तरह से एचडीएफसी बैंक को अतिरिक्त 0.40 फीसदी रिस्क-वेटेड एसेट्स (Risk-Weighted Assets) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI bank news) को अतिरिक्त 0.20 फीसदी रिस्क-वेटेड एसेट्स हर हाल में मेंटेन करना होगा। इन बैंकों को यह स्तर इस नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से मेंटेन करना है। इससे पहले यह सरचार्ज इन बैंकों के लिए पहले से कम तय किया गया था। D-SIBs यानी डोमेस्टिक सिस्‍टमिकली इम्‍पॉर्टेंट बैंक वे बैंक होते हैं जो देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं। देश के बैंकिंग सिस्टम के लिए भी ये इतने ही महत्वपूर्ण होते हैं। इनके डूबने पर पूरे देश का वित्तीय सिस्टम भी गड़बड़ा सकता है। इन बैंकों का महत्व इतना अधिक है कि अगर ये आर्थिक संकट के करीब होते हैं तो इन्हें बचाने के लिए सरकार खुद आगे आ जाती है।
कितने पैसों की सेफ्टी की गारंटी देते हैं बैंक-
आरबीआई (RBI safe banks list) की ओर से नियम तय किया गया है कि अगर कोई बैंक डूबता है तो ग्राहक को अधिकतम 5 लाख रुपये की राशि वापस दी जाएगी। यानी बैंक किसी खाताधारक के पूरे पैसे लौटाने की कोई गारंटी नहीं देता। अगर खाते में राशि 5 लाख से ज्यादा है और बैंक में एफडी (fixed deposit) भी है तो भी बैंक डूबने पर 5 लाख रुपये ही वापस मिलते हैं। कम राशि होने पर उतने ही रुपये मिल जाएंगे।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट 1961 की धारा 16 (1) के तहत 5 लाख रुपये तक की गारंटी बैंकों में जमा राशि पर ली जाती है। 5 लाख से ज्यादा की रकम होने पर बाकी का पैसा डूब जाता है। इसी कारण कई लोग एक बैंक में खुलवाए गए खाते में 5 लाख से अधिक रकम नहीं रखते।

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