नीम का पेड़, पीपल का पेड़ एवं हनुमान जी के मंदिर के सामने निगम की ओर से किए जा रहे मूत्रालय निर्माण कार्य पर लगाए रोक, वार्ड 38 पं रविशंकर शुक्ल मार्केट में निर्माण हो रहे कार्य पर सामने के व्यापारी ने की लिखित आपत्ति ….

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वार्ड 38 पंडित रविशंकर शुक्ल मार्केट पावर हाउस में नगर निगम द्वारा गलत जगह पर मूत्रालय निर्माण स्थल का चयन किए जाने से विरोध प्रारंभ हो गया है। गलत स्थान पर मूत्रालय बनाने का चयन किए जाने के संबंध में नगर निगम जोन 4 कार्यालय में 18 जनवरी को निर्माण स्थल के सामने व्यापार करने वाले व्यापारी यू मोहन रेड्डी की ओर से जोन आयुक्त से शिकायत की जा चुकीं है। आवागमन सड़क के बीच तथा दुकान के सामने सार्वजनिक मूत्रालय का निर्माण कार्य पर आपत्ती के बाद भी गलत स्थल निर्माण कार्य 15 अप्रेल को प्रारंभ करने पर उन्होने निगम में पुनः 15 अप्रेल को आवेदन देते हुए जोन 4 निगम आयुक्त से अशांति के लिए मूत्रालय आवश्यकता की मांग करने वाले व्यापारी के दुकान के सामने निर्माण करने की सलाह एवं आग्रह किया गया है। पीपल का पेड़, हनुमान जी की मंदिर तथा नीम का पेड़ के सामने मूत्रालय का कार्य 16 अप्रेल को कार्य प्रक्रिया ठेकेदार की ओर आरम्भ कर देने के चलते स्थानीय व्यापारी एवं टैक्सी ड्राइवरो ने सामाजिक कार्यकर्ता सुमन शील से रोकने के लिए गुहार लगाई है।

सुमन शील ने इस गलत स्थल पर हो रहे कार्य को गंभीरता से लेते हुए तत्काल निगम जोन ईई रवि सिन्हा तथा सहराजस्व अधिकारी बालकृष्ण नायडू को फोन कर हो रहे कार्य स्थल पर अपनी आपत्ती व्यक्त करते हुए बताया कि यह निर्माण कार्य होने से सनातन हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना होगा क्योंकि जिस स्थल पर मूत्रालय नाली के ऊपर निर्माण किया जा रहा है उसके ठीक सामने नीम का पेड़ तथा पीछे में पीपल का पेड़ एवं हनुमान जी की मंदिर है, इसलिए ऐसे स्थल पर किसी व्यक्ति विशेष के कहने पर ऐसा निर्माण कार्य न करें । निगम के अधिकारियों ने इस निर्माण कार्य पर अपनी अनदेखी व्यक्त किया है, उसके उपरांत सब इंजीनियर से जानकारी देने को कहा गया सब इंजीनियर चंद्रकांत साहू ने बताया कि इस स्थल पर पहले भी मूत्रालय था इस कारण यहां पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसके संबंध में सुमन शील ने बताया कि जब इस स्थल पर मूत्रालय टेंपरेरी रखा गया था, तब मार्केट के सामने 25 फीट की सड़क हुआ करता था जो वर्तमान में 10 फीट की सड़क बनकर रह गई है तथा नीम का पेड़ एवं हनुमान मंदिर का निर्माण नहीं हुआ था और जिस समय की बात की जा रही है उस समय में दो मूत्रालय थे। जिन व्यापारियों के द्वारा अशांति फैलाने के लिए मूत्रालय की मांग की जा रही है उनके दुकान के सामने भी मूत्रालय का निर्माण हुआ करता था इसलिए धार्मिक भावनाओ एवं किसी को परेशान करके कोई निर्माण कार्य न किया जाए ।

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