पति के मृत्यु के 5 माह बाद 45 वर्षीय पुत्र का सड़क हादसाग्रस्त में मौत हो जाने से मिस्त्री परिवार का भरण पोषण से लेकर खान-पान की हो गई है समस्या उत्पन्न …

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भिलाई खुर्सीपार सुभाष नगर के निवासी 45 वर्षीय केशव मिस्त्री प्रयागराज उत्तर प्रदेश में अपने बच्चे एवं पत्नी के साथ ससुराल के लोगों से मिलने गए थे जहां 24 दिसम्बर के शाम को अपने साले के साथ स्कूटी से बाहर घूमने निकलने के दौरान सड़क दुर्घटना में गंभीर चोट लगने से कई दिनों तक चले इलाज के दौरान आखिर 31 दिसंबर को रायपुर डीके हॉस्पिटल में सुबह 8 बजे दम तोड़ दिया, जिसकी अन्त्येष्टि 31 दिसंबर को शाम 4 बजे रामनगर मुक्तिधाम भिलाई में किया गया। सुभाष नगर नंदिनी रोड गोल्डन चौक खुर्सीपार भिलाई निवासी प्राइवेट कंपनियों में मजदूर के रूप में काम करने वाले केशव मिस्त्री के पिताजी का देहांत 2024 जुलाई माह में हो जाने के उपरांत परिवार की पूरी जिम्मेदारी केशव मिस्त्री के ऊपर था परंतु उनके असमय चले जाने से परिवार का भरण पोषण से लेकर खान-पान की समस्या उत्पन्न हो गई है । ईगल आई वर्ल्ड न्यूज को इसकी जानकारी मिलते सुभाष नगर निवास पहुंचकर मृतक परिवार की माता 65 वर्षीय कानन मिस्त्री, पत्नी 44 वर्षीय सुमन मिस्त्री तथा 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे 17 वर्षीय मयंक मिस्त्री एवं कक्षा दूसरी में पढ़ रही 7 वर्षीय पुत्री पूर्णिमा मिस्त्री से मुलाकात की एवं चर्चा कर उनकी समस्याओं से अवगत हुए ।

केशव मिस्त्री के माता कानन मिस्त्री ने बताया कि 24 दिसंबर शाम के 7 बजे के लगभग सड़क दुर्घटना में चोट लगने के बाद प्रयागराज के नारायण स्वरूप प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था । 24 दिसंबर से 29 दिसंबर तक नारायण स्वरूप हॉस्पिटल में ही इलाज चला था पर इलाज में लाखों रुपए खर्च हो जाने के बावजूद कोई स्वास्थ्य में लाभ नहीं दिखने एवं आयुष्मान कार्ड का उपयोग न होने से रुपए की समस्या के कारण प्रयागराज से एंबुलेंस में एम्स रायपुर में लाया गया । एम्स हॉस्पिटल में भर्ती न होने के चलते 29 दिसंबर को रायपुर डीके शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया किन्तु कोई लाभ नही हुआ ।

पत्नी सुमन मिस्त्री ने बताया कि उनके पति ही उनके परिवार का एकमात्र सहारा थे, जो प्राइवेट केसर प्लांट कंपनी में मजदूरी का काम कर परिवार का भरण पोषण करते थे और उनके दोनों बच्चों की शिक्षा दिलाने के लिए दिन-रात मेहनत कर पैसा बचाकर अंग्रेजी विद्यालय केएच मेमोरियल स्कूल जवाहर नगर एवं शंकराचार्य विद्यालय हुडको में पढ़ाते थे । आगे बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी तथा आने वाले समय में परिवार कैसे चलेगा उसे बताते हुए आंखों में आंसू भर आए ।

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